अचानक मौसम में आए बदलाव के कारण हल्की बारिश की संभावना। उत्तर प्रदेश और कई राज्यों में 40 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा भी चल रही है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को हल्की बारिश होने की भी संभावना जताई गई है। इसके साथ ही ओलावृष्टि भी हो सकती है। अचानक मौसम में आए इस परिवर्तन के कारण मौसम में नमी और ठंडी आ गई है।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मौसम में उलट फेर का यह परिवर्तन जारी रहेगा। फसल को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है। मौसम जानकारी के अनुसार इस बार ठंडी में भी बारिश से की मात्रा 80% काम नहीं रही है।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, लखनऊ, अलीगढ़ जैसे शहरों में अचानक मौसम बदल गया है। अलीगढ़ में बारिश होने की सूचना भी मिल रही है। इस समय गेहूं की फसल तैयार है और इस बारिश में नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश और मैदानी क्षेत्र में इस तरह की अचानक बारिश की वजह से गेहूं की फसल खराब हो सकती है। दरअसल इस समय फसल पककर जमीन में बच गई है ऐसे में बारिश से का अपनी फसल को सड़ा सकता है।
इन जिलों में ओलावृष्टि होने की संभावना
उत्तर प्रदेश में अचानक रविवार को बदले मौसम के कारण इन इलाकों में हल्की बारिश और ओले पड़ सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उत्तर प्रदेश के
बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, बलरामपुर,
लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा, बुलंदशहर,अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुरल संभल, बदायूं, जालौन,
हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर में ओला वृष्टि होने की संभावना जताई गई है।
कुंभ नगरी प्रयागराज में भी बिगड़ा मौसम
प्रयागराज में भी रविवार की सुबह अचानक बादल घिरने की वजह से मौसम मे बदलाव आया है। हल्की बूंदाबांदी हो रही है। बीते शनिवार को गर्मी से राहत प्रयागराजवासियों को मिल रही है।
आलू और सरसों को भी नुकसान
होली से पहले ही आलू की 80 फ़ीसदी फसल को खुदाई करके निकाल लिया गया है लेकिन 55 फ़ीसदी फीसदी से अधिक आलू कोल्ड स्टोरेज में पहुंचा जा चुका है। जिन किसानों ने लेट में आलू की खुदाई की है उनको नुकसान उठाना पड़ सकता है। बारिश के कारण आलू की फसल बर्बाद हो सकती है। बे मौसम बरसात के कारण सरसों और आलू की फसल को भी नुकसान पहुंचाने की संभावना मौसम वैज्ञानिकों द्वारा और कृषि वैज्ञानिक को द्वारा जताई गई है। अधिकांश जगह में सरसों की कटी हुई फसल बारिश के नुकसान की चपेट में आ सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की जनवरी और फरवरी महीने में 66.81 बारिश हुई थी। जबकि 2024 के जनवरी और दिसंबर के महीने में 901.10 मिलीमीटर रिकॉर्ड किया गया था। 2024 के जनवरी महीने में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई थी। वही 2024 के फरवरी महीने में 15 मिलीमीटर बारिश हुई थी। अगर तुलना करें इस वर्ष के 2025 के जनवरी महीने में बारिश से के बारे में तो 8.73 मिली मीटर बारिश हुई है। जबकि फरवरी महीने में 1.70 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश से के अलावा बिहार पंजाब और दिल्ली में भी मौसम परिवर्तन के संकेत दिखाई दे रहे हैं।