Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 राज्यसभा में पारित हो गया है, जिससे यह विधेयक संसद की मंजूरी प्राप्त करने में सफल हो गया है. ऊपरी सदन में गुरुवार को पेश होने के बाद 11 घंटे चली चर्चा के उपरांत शुक्रवार तड़के विधेयक पारित हुआ. इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 मत पड़े, लोकसभा पहले ही इसे मंजूरी दे चुकी थी. राज्यसभा से पास होने के बाद रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की प्रतिक्रिया सामने आई है.
रामदास अठावले ने कहा, “यह विधेयक मुसलमानों के विरुद्ध नहीं है. हम गरीब मुसलमानों की सहायता करना चाहते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है.
इससे पहले अठावले ने कहा था, “यह बिल आम मुसलमानों के हित में है। विपक्ष जानबूझकर उन्हें गुमराह कर रहा है। वक्फ बोर्ड हमेशा कुछ ही लोगों के नियंत्रण में रहा है। इस बिल को लेकर राजनीति की जा रही है। यह बिल मुसलमानों के लाभ का बिल है। वक्फ बोर्ड की संपूर्ण संपत्ति कुछ ही लोगों के हाथों में होती थी, जिसका आम मुसलमानों को कोई लाभ नहीं पहुंचता था।”
किरेन रिजिजू ने इन आरोपों को किया खारिज
राज्यसभा में शुक्रवार रात 2:30 बजे तक वक्फ बिल पर चर्चा हुई, जिसमें विपक्ष के सभी संशोधन गिर गए। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा के एक संशोधन पर मत विभाजन हुआ, लेकिन यह भी गिर गया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार अल्पसंख्यकों को डराने के लिए यह विधेयक लाई है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल मुसलमानों को डराने और गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधेयक से मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होगा। विपक्षी सांसदों से मुसलमानों को गुमराह न करने की अपील करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो फैसला लिया है, वह बहुत सोच-समझकर किया है। वे (विपक्षी सदस्य) बार-बार कह रहे हैं कि हम मुसलमानों को डरा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हम नहीं, बल्कि आप मुसलमानों को डराने का काम कर रहे हैं।
किरेन रिजिजू ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए बताया था कि वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में एक करोड़ से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। संयुक्त संसदीय समिति ने दस शहरों में जाकर विधेयक पर लोगों की राय जानी और 284 संगठनों से बातचीत की। वर्तमान में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं।